Raj Kisan Girdawari:- हाय दोस्तों, आज हम एक ऐसे टॉपिक पर बात करने जा रहे हैं जो हमारे देश के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अगर आप खेती करते हैं या आपके घर में कोई किसान है, तो ये आर्टिकल आपके लिए बहुत काम का साबित होने वाला है। आजकल टेक्नोलॉजी ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है, और अब खेती-बाड़ी भी इससे अछूती नहीं रही।
राजस्थान सरकार ने किसानों की जिंदगी आसान बनाने के लिए एक शानदार कदम उठाया है – ‘Raj Kisan Girdawari App’। इस ऐप के जरिए अब किसान खुद अपनी फसल की गिरदावरी कर सकते हैं, वो भी अपने मोबाइल फोन से। और सबसे खास बात, इसमें फसल की रियल टाइम फोटो अपलोड करने की सुविधा भी है। तो चलिए, इस ऐप के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि ये हमारे किसान भाइयों के लिए कैसे गेम-चेंजर बन सकता है।
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गिरदावरी क्या होती है? – एक आसान भाषा में समझें
सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि आखिर गिरदावरी होती क्या है। दोस्तों, गिरदावरी एक तरह का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है, जो ये बताता है कि किसी किसान के खेत में कौन सी फसल उगाई जा रही है, कितने क्षेत्र में उगाई जा रही है, और उसकी स्थिति क्या है। पहले ये काम पटवारी करते थे। वो खेतों में जाकर फसल का जायजा लेते थे, नोट्स बनाते थे और फिर सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करते थे। लेकिन इसमें कई दिक्कतें थीं – कभी पटवारी समय पर नहीं पहुंच पाते थे, कभी गलतियां हो जाती थीं, और कई बार किसानों को पटवारी के पीछे-पीछे दौड़ना पड़ता था। लेकिन अब ‘राज किसान गिरदावरी ऐप‘ ने इस पूरी प्रक्रिया को बदल दिया है।
‘Raj Kisan Girdawari App’ – एक नजर में
राजस्थान सरकार ने इस ऐप को लॉन्च करके किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस ऐप का मकसद है कि किसान अपनी फसल की जानकारी खुद दर्ज कर सकें, वो भी बिना किसी बिचौलिए के। अब आपको पटवारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बस अपने स्मार्टफोन में ये ऐप डाउनलोड करो, लॉगिन करो, और अपनी फसल की डिटेल्स भर दो। इसमें खास बात ये है कि आपको अपनी फसल की रियल टाइम फोटो अपलोड करनी होगी, ताकि जानकारी पूरी तरह सही और पारदर्शी रहे। इसके बाद पटवारी सिर्फ उस जानकारी को वेरिफाई करेगा। मतलब, सारा काम आपके हाथ में है!
ऐप को कैसे इस्तेमाल करें – स्टेप बाय स्टेप गाइड
अब सवाल ये है कि इस ऐप को इस्तेमाल कैसे करना है? दोस्तों, ये इतना आसान है कि कोई भी किसान इसे बिना किसी परेशानी के चला सकता है। मैं आपको स्टेप-बाय-स्टेप बताता हूँ:
- ऐप डाउनलोड करें: सबसे पहले अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और ‘राज किसान गिरदावरी ऐप’ सर्च करें। इसे डाउनलोड करें और इंस्टॉल कर लें। ये फ्री ऐप है, तो कोई पैसा देने की जरूरत नहीं।

- लॉगिन करें: ऐप खोलने के बाद आपको अपने जन आधार नंबर से लॉगिन करना होगा। जन आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। उस ओटीपी को डालकर वेरिफिकेशन करें। बस, आप ऐप में घुस गए!

- खसरा नंबर चुनें: लॉगिन करने के बाद आपको अपने खेत का खसरा नंबर चुनना होगा। अगर आपको खसरा नंबर नहीं पता, तो ‘खसरा सर्च करें’ ऑप्शन पर क्लिक करके अपने जिले, तहसील और गांव के हिसाब से इसे ढूंढ सकते हैं।
- फसल की डिटेल्स भरें: अब आपको अपनी फसल की जानकारी डालनी होगी। जैसे – फसल का नाम, कितने हेक्टेयर में बोई गई है, सिंचित है या असिंचित, और अगर फलदार पेड़ हैं तो उनकी संख्या। ये सब भरने के बाद अगला स्टेप आता है।
- रियल टाइम फोटो अपलोड करें: ये सबसे जरूरी हिस्सा है। आपको अपने खेत में खड़ी फसल की साफ-सुथरी फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। ध्यान रखें कि फोटो सही समय की हो, ताकि कोई गड़बड़ी न हो।
- सबमिट करें: सारी जानकारी भरने के बाद ‘प्रिंट प्रिव्यू’ ऑप्शन पर क्लिक करें। सब कुछ चेक कर लें और फिर ‘सबमिट’ बटन दबाएं। सबमिट होते ही आपको एक पंजीकरण नंबर मिलेगा, जिसे संभालकर रखें।
बस, हो गया! अब पटवारी आपकी जानकारी को देखेगा और वेरिफाई करेगा। इससे समय की बचत भी होगी और काम में पारदर्शिता भी आएगी।
इस ऐप के फायदे – क्यों है ये खास?
दोस्तों, अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर इस ऐप से क्या-क्या फायदा होने वाला है? चलिए, इसके फायदों पर एक नजर डालते हैं:
- पटवारी पर निर्भरता खत्म: पहले किसानों को पटवारी के भरोसे रहना पड़ता था। कभी वो आएंगे, कभी नहीं, और कई बार गलत जानकारी दर्ज हो जाती थी। अब सारा कंट्रोल आपके हाथ में है।
- समय की बचत: आपको पटवारी के पीछे दौड़ने या तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। घर बैठे 10-15 मिनट में गिरदावरी हो जाएगी।
- पारदर्शिता: रियल टाइम फोटो की वजह से कोई गलत जानकारी दर्ज नहीं हो सकती। जो फसल खेत में है, वही रिकॉर्ड में आएगी।
- सही आंकलन: फसल का सही-सही आंकलन होने से बीमा क्लेम या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी।
- किसान की संतुष्टि: जब आप खुद अपनी फसल की गिरदावरी करेंगे, तो आपको पूरा भरोसा रहेगा कि सब कुछ सही हुआ है।

क्या कोई चुनौती भी है?
हर चीज के दो पहलू होते हैं, तो इस ऐप के साथ भी कुछ चुनौतियां हैं। जैसे कि:
- स्मार्टफोन की जरूरत: हर किसान के पास स्मार्टफोन नहीं होता। ऐसे में उन्हें किसी की मदद लेनी पड़ सकती है।
- इंटरनेट कनेक्शन: गांवों में कई बार नेटवर्क की दिक्कत होती है, जिससे ऐप चलाने में परेशानी हो सकती है।
- तकनीकी जानकारी: कुछ किसानों को शुरू में ऐप चलाने में दिक्कत हो सकती है, खासकर जो टेक्नोलॉजी से ज्यादा वाकिफ नहीं हैं।
लेकिन अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रही है। पटवारी और कृषि विभाग के लोग किसानों को इस ऐप के बारे में समझा रहे हैं, ताकि कोई भी पीछे न छूटे।
फसल बीमा और गिरदावरी का कनेक्शन
दोस्तों, गिरदावरी का एक बड़ा फायदा फसल बीमा से भी जुड़ा है। मान लीजिए आपके खेत में ओलावृष्टि या बाढ़ से फसल खराब हो गई। पहले आपको पटवारी का इंतजार करना पड़ता था कि वो आएगा, सर्वे करेगा, फिर रिपोर्ट बनेगी। लेकिन अब आप तुरंत इस ऐप पर अपनी फसल की फोटो अपलोड करके गिरदावरी कर सकते हैं। इससे बीमा कंपनी को तुरंत जानकारी मिल जाएगी और आपका क्लेम जल्दी प्रोसेस होगा। ये किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
राजस्थान सरकार का विजन
राजस्थान सरकार का मकसद है कि किसानों को हर तरह से सशक्त बनाया जाए। ‘राज किसान गिरदावरी ऐप’ इस दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार चाहती है कि किसान न सिर्फ अपनी फसल की जानकारी खुद दर्ज करें, बल्कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके आत्मनिर्भर भी बनें। इस ऐप के साथ-साथ सरकार ने ‘राज किसान सुविधा ऐप’ भी लॉन्च किया है, जिसमें किसानों को कृषि योजनाओं, मौसम अपडेट, और फसल बीमा की जानकारी मिलती है। मतलब, एक ही जगह सारी सुविधाएं!
किसानों की राय – क्या कहते हैं वो?
मैंने कुछ किसानों से इस बारे में बात की। कोटपूतली के एक किसान रामलाल जी ने बताया, “पहले पटवारी को बुलाने में हफ्तों लग जाते थे। अब मैं खुद अपने मोबाइल से फोटो खींचकर गिरदावरी कर लेता हूँ। बहुत आसान हो गया है।” वहीं, सीकर के श्यामलाल जी ने कहा, “शुरू में थोड़ी दिक्कत हुई ऐप चलाने में, लेकिन मेरे बेटे ने सिखा दिया। अब तो मजा आता है।” ये बातें बताती हैं कि किसान इस बदलाव से खुश हैं।
भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?
दोस्तों, ये तो बस शुरुआत है। आने वाले समय में इस ऐप में और भी फीचर्स जुड़ सकते हैं। जैसे कि मौसम की जानकारी, फसल की बीमारी का पता लगाना, या फिर बाजार के रेट की अपडेट। अगर ये ऐप पूरे देश में लागू हो जाए, तो सोचिए कितना बड़ा बदलाव आएगा। किसानों की जिंदगी आसान होने के साथ-साथ खेती का डेटा भी सही और व्यवस्थित तरीके से इकट्ठा होगा।
निष्कर्ष – एक नई उम्मीद
तो दोस्तों, ‘राज किसान गिरदावरी ऐप’ हमारे किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। ये न सिर्फ समय बचाता है, बल्कि पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देता है। अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो आज ही इस ऐप को डाउनलोड करें और अपनी फसल की गिरदावरी खुद करें। और हाँ, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी इसके बारे में बताएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें। खेती को आसान और बेहतर बनाने का ये सुनहरा मौका है। तो देर किस बात की? चलो, टेक्नोलॉजी को अपनाएं और खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं!
आपको ये आर्टिकल कैसा लगा? अपने विचार नीचे कमेंट में जरूर बताएं। और अगर कोई सवाल हो, तो बेझिझक पूछें। मैं आपके लिए हमेशा हाजिर हूँ। तब तक के लिए, खुश रहें और खेती करते रहें!